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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे उत्साह से पूरे विश्व में मनाया जाता है।
इसकी शुरुआत 1990 के दशक के बाद से शुरू हुई है लेकिन अब इसे हर वर्ष 08
मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का एजेंडा महिलाओं
को सशक्त बनाना है जो अपने जीवन में सभी बाधाओं से गुजर चुकी है। यह उनका
सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकार है और साथ ही इससे
"लिंग समानता" को भी बढ़ावा मिलता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व साल दर साल बढ़ रहा है और आज यह एक किस्म का रिवाज़ बन गया है। यह महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्रेम और आदर दर्शाने का अवसर है। आजकल कॉलेजों और विद्यालयों में भी महिला दिवस मनाया जाता है जो युवाओं के दिमाग को उनके बचपन से ही महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी देखभाल करना सिखाता है। यह कुछ स्कूलों में महिलाओं के सशक्तिकरण, समाज में उनकी स्थिति और उनकी उपलब्धियों के ज्ञान और जागरूकता फैलाने के क्रम में पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा है।
नारियों में अपरिमित शक्ति और क्षमताएँ विद्यमान हैं। व्यवाहरिक जगत के सभी क्षेत्रों में उन्होने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। अपने अदभुत साहस, अथक परिश्रम तथा दूरदर्शी बुद्धिमत्ता के आधार पर विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं हैं। मानवीय संवेदना, करुणा, वात्सल्य जैसे भावो से परिपूर्ण अनेक नारियों ने युग निर्माण में अपना योगदान दिया है। एक महिला होने के नाते महिलाओं के लिए एक खास दिन होना अच्छा लगता है जहाँ उन्हें सराहा और सम्मानित किया जा सके लेकिन मुझे लगता है कि महिला का सम्मान सिर्फ महिला होने के कारण ही नहीं होना चाहिए बल्कि इसलिए भी क्योंकि उनकी खुद अपनी व्यक्तिगत पहचान है। वे समाज की भलाई में समान रूप से योगदान करती हैं। यदि मैं थोडी पक्षपाती बनूँ तो मैं कहूंगी कि यदि पृथ्वी पर कोई औरत नहीं बची तो मानव जाति का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा क्योंकि स्त्री ही है जो इस धरती पर जीवन लाती है। हर महिला विशेष है चाहे वह घर पर या कार्यालय में काम कर रही हो या दोनों ही कर रही हो। वह बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अपने घर को भी कुशलतापूर्वक प्रबंधित करती है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं किसी भी रूप में कम नहीं है। यह सिर्फ हमारी मानसिकता है और हमारी मानसिकता बदलते ही हमारा ध्यान हमारे अपने कार्यों पर केंद्रित हो जाता है। हमारे कार्य और विचार हमें अपने सपनों की ऊंचाई को हासिल करने के लिए आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं और इसी से दुनिया हमारे कर्मों पर विश्वास करती । मेरे लिए महिला दिवस सिर्फ एक आम दिन है जिससे मुझे यह महसूस होता है कि हमारे द्वारा और हमारे साथ जुड़े सभी अन्य लोगों के लिए हमने पूरे 365 दिनों में कितने प्रयास किए हैं।अब जरूरत है महिलाओं को सशक्त बनाने की ,अब हर किसी को जगना होगा, और सबको जगाना होगा बहुत खो लिया नारी ने, अब उसे उसका हक दिलाना होगा स्त्रियों को खुद इसकी शुरुआत करनी होगी स्त्रियों को खुद, स्वयं को आगे बढ़ाना होगा उम्मीद है जल्द हीं हालात बदलेंगे उम्मीद है अब वक्त करवट लेगा और नहीं रहेगी किसी स्त्री के चेहरे पर शिकन।
प्रत्येक महिला को अपना महत्व समझना चाहिए और उनमें अपनी प्रगति के लिए प्रयास करने का साहस होना चाहिए।नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की अपार क्षमता है। उसके पास अनगिनत अवसर भी हैं। जिंदगी जीने का जज्बा उसमें पैदा हो चुका है। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं शिक्षा ने नारी मन को उच्च आकांक्षाएँ, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतों को खोलने की नई राह दी है।नारी की साहसिक यात्रा अपने आकाश के साथ स्वतंत्रता की सांस ले रही है। आज महिलाएं फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी बातें शेयर कर रही हैं। देश दुनिया की खबर रखती आज की नारी घर और दफ्तर में बखुबी तालमेल स्थापित कर रहीं हैं। समय के साथ खुद को अपडेट करती हुई अपनी बेटी को भी स्वालंबी बना रहीं हैं।
पिछले कुछ दशकों से महिलाएं खुद को इस तरह से प्रदर्शित करने में सक्षम हुई है कि लोगों की मानसिकता समाज के लिए समग्र रूप से महिलाओं द्वारा किए गए कार्यों को पहचानने के लिए बदलने लगी है। यह महिलाओं के अधिकारों, उनके योगदान, उनकी शिक्षा का महत्व, उनके कैरियर के अवसरों आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। महिला दिवस के जश्न का अवसर महिलाओं द्वारा किए गए कार्यों के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कभी भी अभिव्यक्त नहीं हो सकता है। किसी रिश्ते के बारे में बात करें तो महिलाएं अपने अनन्त प्रयास से उसे सफल बनाने में मेहनत करती हैं। चाहे घर हो या घर से बाहर हो महिलाएं हर जगह एक विशेष भूमिका निभाती हैं।
महिलाओं ने अपने प्रयासों से मजबूत छवि बनाई है। महिलाओं को मजबूत होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। उन्हें अपने कौशल को बेहतर बनाने, सुरक्षा तकनीकों को जानने और बहुत कुछ सीखने के सभी अधिकार हैं। महिलाएं पानी की तरह होती हैं किसी भी रोल में फिट हो जाती है। व्यक्तिगत या पेशेवर जिंदगी, बड़े या छोटे काम, उद्यमियों या कर्मचारियों; प्रत्येक भूमिका में महिलाओं के संयोजन का सही मिश्रण दिखता है। आज की महिला अब एक आश्रित नारी नहीं है। वह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है और हर चीज करने में सक्षम है। चलिए उनके अस्तित्व के महत्व को पहचानें और भविष्य की उपलब्धियों के लिए उन्हें प्रेरित करें।महिला शक्ति अविश्वसनीय है और इसे कुछ शब्दों के द्वारा व्यक्त नहीं किया जा सकता।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त नारी जगत को निम्न पंक्तियों के साथ हार्दिक बधाईः-
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व साल दर साल बढ़ रहा है और आज यह एक किस्म का रिवाज़ बन गया है। यह महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्रेम और आदर दर्शाने का अवसर है। आजकल कॉलेजों और विद्यालयों में भी महिला दिवस मनाया जाता है जो युवाओं के दिमाग को उनके बचपन से ही महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी देखभाल करना सिखाता है। यह कुछ स्कूलों में महिलाओं के सशक्तिकरण, समाज में उनकी स्थिति और उनकी उपलब्धियों के ज्ञान और जागरूकता फैलाने के क्रम में पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा है।
नारियों में अपरिमित शक्ति और क्षमताएँ विद्यमान हैं। व्यवाहरिक जगत के सभी क्षेत्रों में उन्होने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। अपने अदभुत साहस, अथक परिश्रम तथा दूरदर्शी बुद्धिमत्ता के आधार पर विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं हैं। मानवीय संवेदना, करुणा, वात्सल्य जैसे भावो से परिपूर्ण अनेक नारियों ने युग निर्माण में अपना योगदान दिया है। एक महिला होने के नाते महिलाओं के लिए एक खास दिन होना अच्छा लगता है जहाँ उन्हें सराहा और सम्मानित किया जा सके लेकिन मुझे लगता है कि महिला का सम्मान सिर्फ महिला होने के कारण ही नहीं होना चाहिए बल्कि इसलिए भी क्योंकि उनकी खुद अपनी व्यक्तिगत पहचान है। वे समाज की भलाई में समान रूप से योगदान करती हैं। यदि मैं थोडी पक्षपाती बनूँ तो मैं कहूंगी कि यदि पृथ्वी पर कोई औरत नहीं बची तो मानव जाति का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा क्योंकि स्त्री ही है जो इस धरती पर जीवन लाती है। हर महिला विशेष है चाहे वह घर पर या कार्यालय में काम कर रही हो या दोनों ही कर रही हो। वह बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अपने घर को भी कुशलतापूर्वक प्रबंधित करती है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं किसी भी रूप में कम नहीं है। यह सिर्फ हमारी मानसिकता है और हमारी मानसिकता बदलते ही हमारा ध्यान हमारे अपने कार्यों पर केंद्रित हो जाता है। हमारे कार्य और विचार हमें अपने सपनों की ऊंचाई को हासिल करने के लिए आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं और इसी से दुनिया हमारे कर्मों पर विश्वास करती । मेरे लिए महिला दिवस सिर्फ एक आम दिन है जिससे मुझे यह महसूस होता है कि हमारे द्वारा और हमारे साथ जुड़े सभी अन्य लोगों के लिए हमने पूरे 365 दिनों में कितने प्रयास किए हैं।अब जरूरत है महिलाओं को सशक्त बनाने की ,अब हर किसी को जगना होगा, और सबको जगाना होगा बहुत खो लिया नारी ने, अब उसे उसका हक दिलाना होगा स्त्रियों को खुद इसकी शुरुआत करनी होगी स्त्रियों को खुद, स्वयं को आगे बढ़ाना होगा उम्मीद है जल्द हीं हालात बदलेंगे उम्मीद है अब वक्त करवट लेगा और नहीं रहेगी किसी स्त्री के चेहरे पर शिकन।
प्रत्येक महिला को अपना महत्व समझना चाहिए और उनमें अपनी प्रगति के लिए प्रयास करने का साहस होना चाहिए।नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की अपार क्षमता है। उसके पास अनगिनत अवसर भी हैं। जिंदगी जीने का जज्बा उसमें पैदा हो चुका है। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं शिक्षा ने नारी मन को उच्च आकांक्षाएँ, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतों को खोलने की नई राह दी है।नारी की साहसिक यात्रा अपने आकाश के साथ स्वतंत्रता की सांस ले रही है। आज महिलाएं फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी बातें शेयर कर रही हैं। देश दुनिया की खबर रखती आज की नारी घर और दफ्तर में बखुबी तालमेल स्थापित कर रहीं हैं। समय के साथ खुद को अपडेट करती हुई अपनी बेटी को भी स्वालंबी बना रहीं हैं।
पिछले कुछ दशकों से महिलाएं खुद को इस तरह से प्रदर्शित करने में सक्षम हुई है कि लोगों की मानसिकता समाज के लिए समग्र रूप से महिलाओं द्वारा किए गए कार्यों को पहचानने के लिए बदलने लगी है। यह महिलाओं के अधिकारों, उनके योगदान, उनकी शिक्षा का महत्व, उनके कैरियर के अवसरों आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। महिला दिवस के जश्न का अवसर महिलाओं द्वारा किए गए कार्यों के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कभी भी अभिव्यक्त नहीं हो सकता है। किसी रिश्ते के बारे में बात करें तो महिलाएं अपने अनन्त प्रयास से उसे सफल बनाने में मेहनत करती हैं। चाहे घर हो या घर से बाहर हो महिलाएं हर जगह एक विशेष भूमिका निभाती हैं।
महिलाओं ने अपने प्रयासों से मजबूत छवि बनाई है। महिलाओं को मजबूत होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। उन्हें अपने कौशल को बेहतर बनाने, सुरक्षा तकनीकों को जानने और बहुत कुछ सीखने के सभी अधिकार हैं। महिलाएं पानी की तरह होती हैं किसी भी रोल में फिट हो जाती है। व्यक्तिगत या पेशेवर जिंदगी, बड़े या छोटे काम, उद्यमियों या कर्मचारियों; प्रत्येक भूमिका में महिलाओं के संयोजन का सही मिश्रण दिखता है। आज की महिला अब एक आश्रित नारी नहीं है। वह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है और हर चीज करने में सक्षम है। चलिए उनके अस्तित्व के महत्व को पहचानें और भविष्य की उपलब्धियों के लिए उन्हें प्रेरित करें।महिला शक्ति अविश्वसनीय है और इसे कुछ शब्दों के द्वारा व्यक्त नहीं किया जा सकता।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त नारी जगत को निम्न पंक्तियों के साथ हार्दिक बधाईः-
मानवता की मूर्तीवती, तू भव्य-भूषण भंडार।
दया, क्षमा, ममता की आकार, विश्व प्रेम की है आधार।।
दया, क्षमा, ममता की आकार, विश्व प्रेम की है आधार।।
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