जरा पंख खोलो फिर उड़ान देखना ,ज़रा मौका तो दो फिर आसमान देखना ,
बराबर की लाइन तो खींचो ज़रा फिर हिम्मत बड़ी या भगवान देखना ,
देदे मौका दे दे दे दे देदे मौका दे इक चांस तो दे दे मेरी
जान तुम मेरी जान तुम फिर उड़ान देखना
जानी मानी कराटे नेशनल रेफ्री और एशियन गोल्ड मेडलिस्ट स्वीटी कुमारी आज शोहरत की बुलंदियों पर है और उनका ख्वाहिश गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने का है। दुनियां में बहुत सी ऐसी बातें होती हैं जो नामुमकिन नज़र आती हैं …. लेकिन अगर इंसान हिम्मत से काम करे और वो सच्चा है ……तो जीत उसी की होती है।स्वीटी का का मानना है कि जीतना सभी चाहते हैं …..लेकिन जीतता सिर्फ वो है ….जो अपना सब कुछ भूलकर सिर्फ अपने मकसद को जीतता है
गोजुरी कराटे की बिहार चीफ स्वीटी कुमारी को हाल ही में एनजीटाउन का फाउंडेशन डे और सीसीएल 2 के जर्सी लांच पर यंग अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस समारोह का आयोजन एनजी टाउन के सीएमडी (संजय सिंह और नमिता सिंह ) द्वारा प्रायोजित कॉर्पोरेट क्रिकेट लीग (सी.सी.एल.) सीजन-2 की जर्सी लॉन्चिंग के उपलक्ष्य में किया गया जिसमे यंग अचीवर्स अवार्ड से उन 25 महिलाओं एवं पुरुषों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में राज्य एवं देश का नाम रौशन करने के साथ-साथ समाज के लिए प्रेरणादायी कार्य किया है।
बिहार की राजधानी पटना में जन्मी स्वीटी कुमारी के पिता अशोक प्रसाद इंजीनियर हैं और उन्होंने ब्लैक बेल्ट हासिल किया है। पिता को रियल हीरो मानने वाली स्वीटी कुमार महज चार साल की उम्र से ही पिता से कराटे की ट्रेनिंग लेने लगी। स्वीटी जब आठ साल की हुयी तब वह प्रशिक्षण संस्थान में कराटे का कोर्स करने लगी। बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वीटी कुमारी बीपीएड की पढ़ाई पूरी की।
मौके मिलते नहीं…. बनाये जाते हैं …..कामयाबी हम तक नहीं आती ….हमें कामयाबी तक जाना होता है ।वर्ष 2011 में स्वीटी को स्वीटी को फर्स्ट डन ब्लैक ब्लैट बनी। वर्ष 2013 में स्वीटी एशियन गोल्ड मेडलिस्ट का खिताब जीता और उन्हें वर्ष 2014 में थर्ड डन ब्लैक बेल्ट मिला। स्वीटी कुमारी ने ब्लैक बेल्ट हासिल कर लिया और लोगों को दिखा दिया कि “म्हारी छोरियां छोरों से कम है के "स्वीटी इसके बाद कराटे में नेशनल रेफ्री बन गयी और उन्हें बिहार , दिल्ली और कोलकाता समेत कई शहरों में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है...
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम समेत कई गणमान्य लोगों से सम्मानित की जा चुकी
स्वीटी लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी । इसी को लेकर वह वर्ष 2016 में एनजीओ “भर ले उड़ान” की नीवं रखी। संस्था की सचिव 1000 से अधिक लोगों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही है।इन सबके साथ ही संस्था में लोगों को कराटे के साथ ही पढ़ाई , सिलाई बुनाई और डांस की भी ट्रेनिंग दी जाती है। इनमें से कई ऐसी भी हैं अब आत्मनिर्भर बन गयी और अलग-अलग व्यवसाय से जुड़कर पारिवारिक दायित्व का निर्वहन कर रही है।उन्होने बताया कि संस्था में मनीष जी , कोमल ,पंकज ,भारती,आकृति और पूनम मैम का पूरा सहयोग है।
स्वीटी का मानना है कि आज की महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इसलिए हमारा फर्ज है कि हम समाज की आधी आबादी और भावी पीढ़ी की जन्मदात्री होने के नाते उनका सम्मान और आदर करें, इसी में समाज का हित है।स्वीटी बिहार के खिलाड़ियों के लिये स्टेडियम का निर्माण भी कराना चाहती है।
बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार को कराटे में आदर्श मानने वाली स्वीटी कुमारी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराना चाहती है। स्वीटी का मानना है कि अगर हमारी किस्मत में जीतना लिखा होगा तो हम जीतेंगे ….लेकिन हम हारने तक हार नहीं मानेंगे।
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