खेसारी लाल यादव भोजपुरी के चमकते सितारे है और आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. खेसारी लाल के नाम ही काफी है भोजपुरी फिल्मो के हिट करने के लिए। जैसा उनका नाम गांव गवई वाला है ठीक उसी प्रकार उनका रोल भी फिल्मो में होता है। वो जमीन से जुड़े कलाकर है. वो फिल्मो वो सब करते है जो भोजपुरी समाज के लोग समान्तयः करते है। भोजपुरी के गांव गवई के लोगो को छवि उनके अंदर दिखती है जिसके कारण लोग उनके फिल्मो को देखने के लिए सिनेमा हॉल के तरफ खिंचे चले आते है।
खेसारी लाल किसी नामी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे वो एक गरीब परिवार से आते है और उन्होंने खुद स्वीकार किया है वो बचपन में भैश चराया करते थे और थोड़ा बड़े होने पे ठेला पर लिट्टी चोखा बेच करते थे लेकिन संगीत से उनका प्रेम बचपन से ही था।
खेसारी लाल किसी नामी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे वो एक गरीब परिवार से आते है और उन्होंने खुद स्वीकार किया है वो बचपन में भैश चराया करते थे और थोड़ा बड़े होने पे ठेला पर लिट्टी चोखा बेच करते थे लेकिन संगीत से उनका प्रेम बचपन से ही था।
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